लेखनी प्रतियोगिता -29-Apr-2022 - आंगन

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मुक्तक मात्रा भार 23 आंगन ये खिल जाए तेरे आने से,  सुकून मुझे मिलता तेरे मिल जाने से,  मोहब्बत पर मेरी कोई पहरा न हो,  कोई रोके ना प्रेम तेरा पाने ...

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