बेताबी

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चाँद जब आसमाँ पर निकलता है  मन विरह से विकल हो जाता है  प्रकृति जब सुरमई शाम पर  रात का आँचल टाँकती है  सितारे बिख़र जाते आसमाँ पर  रात अपने होने ...

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