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प्रभात ने फैलाई लालिमा , छुपती रही यहाँ कालिमा | भोर हुई तो चिड़िया बोली सारे जग ने आंखें खोली | निकलता सूरज मद्धम मद्धम , फैली किरणें कदम दर कदम ...