नवल प्रभात

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दोहा प्राची की यह लालिमा, देती है संदेश। तम की रजनी छट गई, जागे सारा देश।। शबनम   की   बूंदें   लगें, नन्हे-नन्हे फूल। लगती है ज्यों घास पर, हो रजनी की भूल।। ...

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