विद्रोह करूँ या सह जाऊँ लेखनी कहानी -03-May-2022

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बड़ी कशमश में मेरी जान फँसी हैं अगर चुप रहुँ तों मेंरा दिल दुखता हैं अगर बोल दूँ तों दूसरों का दिल दुखता हैं करूँ तों मैं, आखिर क्या करूँ? जाऊँ ...

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