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मेरे हमदम! गिले-शिकवे भुलाकर सब में वापस लौट सकता हूं। मेरा शाहिद है मेरा रब में वापस लौट सकता हूं। मगर ए मेरे हमदम रास्ता तेरा किधर का है? इरादा क्या ...