1 Part
377 times read
22 Liked
मेरे हमदम! गिले-शिकवे भुलाकर सब में वापस लौट सकता हूं। मेरा शाहिद है मेरा रब में वापस लौट सकता हूं। मगर ए मेरे हमदम रास्ता तेरा किधर का है? इरादा क्या ...