लेखनी प्रतियोगिता नए सवेरे

1 Part

380 times read

21 Liked

नए सवेरे तूफान में फंसी है, नाव ये मेरी, पता नही कब और कैसे लगेगी किनारे, दिखता है चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा, ना जाने कब होंगे नसीब उजियारे, बहुत संभाला ...

×