लेखनी कहानी -07-May-2022

1 Part

317 times read

26 Liked

प्रियतमा तुमसे कहूँ कुछ जो कभी न कह सका तुम समझ लोगी वो आंसू जो न खुलकर बह सका जब गयी तुम इस धरा पर मुझको तनहा छोड़कर उस पतंग सा ...

×