1 Part
317 times read
26 Liked
प्रियतमा तुमसे कहूँ कुछ जो कभी न कह सका तुम समझ लोगी वो आंसू जो न खुलकर बह सका जब गयी तुम इस धरा पर मुझको तनहा छोड़कर उस पतंग सा ...