माँ #लेखनी दैनिक कविता प्रतियोगिता -09-May-2022

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माँ  माँ होती ममतामई, देवी का है रूप। आँचल में सपने सजा, रोक सके वो धूप।। तुझ बिन सब सूना लगे, आ जा मेरी मात। गोदी में अपने बिठा, कर मुझसे ...

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