सेवा निस्वार्थ सेवा के आजकल बदल रहे आयाम ऐसी सेवा किस काम की मिले न जिसके दाम मिले न जिसके दाम निर्थक काहे काम है करना दमड़ी के खर्चा में चाहे ...

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