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महाराणा प्रताप। चमक रहा चपला सा चेतक,चूर चूर दुश्मन होता। हल्दी घाटी पर देखा था एक अनोखा रण होता।। युद्ध जहां लाशें ही लाशें , रुधिर नदी सा बहता था। जहां ...