सिलसिले हुए

1 Part

158 times read

7 Liked

प्रतियोगिता हेतु। गज़ल चाहत के फूल जबसे, दिल में खिले हुए हैं। जब से खुशी के घर में, ये सिलसिले हुए हैं।। बेशक हैं दूरियां ये, अब दरमियान अपने। दिल से ...

×