लेखनी प्रतियोगिता -11-May-2022 - भीषण

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मुक्तक (मात्रा भार २१) भीषण ये संकट पड़ा आन गोपाल, सूनी सूनी हो गई आज चौपाल ।  कोरोना का तो कहर अब भी न छुटे , काम भी नहीं आता आज ...

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