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मैं देश नहीं बिकने दूंगा विधा कविता तीरों पे चाहे तीर चले तोप चले या कोई तलवार मैं नैन नहीं चलने दूंगा मैं देश नहीं बिकने दूंगा गद्दारों को मार भगाओ ...