अकेले पिताजी (प्रेरक लघुकथाएं)

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पाँच सौ…पाँच सौ रुपए सिर्फ…यह कोई बड़ी रकम तो नहीं है, बशर्ते कि मेरे पास होती—अँधेरे में बिस्तर पर पड़ा बिज्जू करवटें बदलता सोचता है—दोस्तों में भी तो कोई ऐसा नजर ...

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