90 Part
177 times read
0 Liked
किसी श्रीमान जमींदार के महल के पास एक गरीब अनाथ विधवा की झोपड़ी थी। जमींदार साहब को अपने महल का हाता उस झोपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई। विधवा से बहुतेरा ...