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शिकायत # दर्द इक तवायफ का ~●~●~●~●~●~●~●~●~●~ पोषने को जीवन अपना मैंने तो घुंघरू बांधे थे तुम किस मजबूरी में चलकर मेरी गली को आते थे आकर माँगते प्यार के दो ...