1 Part
392 times read
19 Liked
गज़ल पूनम का चंदा तारो की, बारात हमें याद आने लगी। जिस रोज मिले थे तुम हमसे, वो रात हमें याद आने लगी।। इक चांद छुपा था घूंघट में ,मुस्काता रहा ...