याद आने लगी

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गज़ल पूनम का चंदा तारो की, बारात हमें याद आने लगी। जिस रोज मिले थे तुम हमसे, वो रात हमें याद आने लगी।। इक चांद छुपा था घूंघट में ,मुस्काता रहा ...

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