दर पर तेरे

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दर पर तेरे आये है हम तो सवाली बनकर  जायेगे हम यह से अपनी झोली भरकर, ये आँखे ख़ामोश है हम तो अपने लबो को सीए बैठे है  अपने इस दिल ...

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