1 Part
1236 times read
23 Liked
अब इश्क़ की गुलामी मंजूर नही है। अब इश्क़ का गुलाब अच्छा लगता है।। तन्हा होकर दूर रहु तो ख़्वाब अच्छा लगता है। पास होकर मिल न पाऊ तो तन्हा अच्छा ...