शिकायत

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गैरों से क्या करें हम वफा  जब अपनों से शिकायत है  रिहा कर दे ऐ दिल अब मुझे इश्क वालों की बस्ती से  यहाँ की हर सूरत में मिलावट है  मगरूर ...

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