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मिली है जिंदगी इसे मत करो यूं हीं व्यर्थ त्याग कर चल कपट और व्यभिचार को। जीत कर अपने क्रोध को बदल लो व्यवहार को। जिंदगी सम्भल जाएगी अपना लो गौतमबुद्ध ...