अगर शब्दों के पंख होते #लेखनी दैनिक काव्य प्रतियोगिता -16-May-2022

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अगर शब्दों के पंख होते... छंद मुक्त  अगर शब्दों के भी पंख होते वो नील गगन में खाते गोते पंछी की तरह ही उड़ते फिरते सिर्फ पन्नों पर न बिखरे रहते ...

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