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लेखक आदर्श पाण्डेय ज़िक्र भी होगा तुम्हरा ,फ़िक्र भी होगा तुम्हारा जिस दिन माँ न होगी घर मे,वो घर भी मंदिर ना होगा तुम्हारा ये जो करीब का रिश्ता ,गरीब बना ...