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विश्व शांति दिवस पर लिखी कविता-तू हार मानेगा नहीं उठ रहीं नभ में शिखाएं जल रही मंडल दिशाएं खुद लगाकर आग जलता दुष्कर्म छोड़ेगा नहीं, ...
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