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प्रतियोगिता हेतु गज़ल जब गज़ल के शैरों को आईना बनाते हैं।। जाने याद में कितने, लोग डूब जाते हैं।। भीड़ में कभी होतीं, जब भी बात नजरों से। वो भी मुस्कुराते ...