गम़ ए जुदाई

1 Part

256 times read

13 Liked

प्रतियोगिता हेतु गज़ल जब गज़ल के शैरों को आईना बनाते हैं।। जाने याद में कितने, लोग डूब जाते हैं।। भीड़ में कभी होतीं, जब भी बात नजरों से। वो भी मुस्कुराते ...

×