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मेरे दिल में लगता है रोज ख्वाहिशों का एक मेला जहां किसम किसम की चाहतों की दुकानें हैं इच्छाओं के शामियाने हैं हर गली हर मोड़ पर जज्बातों के अफसाने हैं ...