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सेवावृत्ति वकालत का मेरा धन्धा अच्छा चल रहा था , पर उससे मुझे संतोष नहीं था। जीवन अधिक सादा होना चाहिये , कुछ शारीरिक सेवा-कार्य होना चाहिये, यह मन्थन चलता ही ...