1 Part
155 times read
13 Liked
एक बार "असंभव" कहीं को जा रहा था नकारात्मकता के बोझ से दबा जा रहा था ना तो आंखों में कोई आशा की किरणें थीं और ना ही चेहरे पे विश्वास ...