चांद की सैर (ज्ञानवर्धक बाल-कथाएँ)

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टीटू तितली रोती ही जा रही थी। एक ही बात कह रही थी-”मुझे चांद चाहिए।” सब उसे समझा रहे थे। लेकिन वो थी कि किसी की बात सुन ही नहीं रही ...

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