गुम हुई शाम

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गुम हुई शाम आजकल दिन के बाद सिर्फ रात होती है बरसों बीते अब नहीं कोई शाम होती है जब सूरज दूर पहाड़ियों के पीछे छुप जाता था हाथ में गर्म ...

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