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#प्रतियोगिता कविता ःः🌳पीपल का पेड़🌳 मिट्टी ने गहरे अपनी कोख में छुपाए रखा था फूट कर वह काँपता हुआ बाहर निकल आया एक दिन ,कोमल सा वह नवांकुर.. धरा,धूप और बरखा ...