166 Part
126 times read
1 Liked
साथी ब्रजकिशोरबाबू और राजेन्द्रबाबू की तो एक अद्वितीय जोडी थी। उन्होने अपने प्रेम से मुझे इतना पंगु बना दिया था कि उनके बिना मै एक कदम भी आगे नही जा सकता ...