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मृत कवियों का समाज •●•●•●•●•●•●•●•●•●• साधो यह मुर्दों का देश ,मुर्दों का समाज है उपदेश ही उपदेश चहुँओर ज्ञान कहीं न आज है कवि जो रवि सम कहलाए , लोभ मोह ...