बस यही दो पल की ज़िन्दगानी है

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सब हाथों की लकीरों की कहानी है, क्या पता ज़िन्दगी कहाँ पलट जानी है, बस यही दो पल की ज़िन्दगानी है। रह गई अधूरी कुछ खुआईशें पुरानी है, कुछ बातें हैं ...

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