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कविता फिर वही तलाश जीवन है स्वाभिमान का मंजर, तलाश है उस कशिश का समंदर। भावनाओं का नाविक बनकर, तलाश कर वह प्रेम के किनारे का सागर। खोजकर,ढूँढता चल वह किनारा, ...