फूल

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हर रोज नया अफसाना लिखते हैं  ये शब्दों के फूल कहाँ बिकते हैं  झूठों ने बना ली है पकड़ आजकल  ये सच के सिपाही अब कहाँ टिकते हैं😊 ...

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