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अनुपम कृति ईश्वर की अनुपम कृति हूं मैं, बड़े फुर्सत से रची हूं मैं। कितने सुंदर भाव दिए, करुणा दया ममता से उसने। हमको तो ओतप्रोत करा,श भावों का सुंदर सुमन ...