1 Part
278 times read
27 Liked
ख्वाबों का सागर.. ख्वाब देखे थे मैंने भी, इश्क के भी और उड़ान के भी! पिरोए हुए ख्वाब का एक दरिया सा बन गया, ना जाने कैसे वो फिर सागर से ...