लेखनी प्रतियोगिता -26-May-2022

1 Part

251 times read

29 Liked

मैं यहां हूँ तुम कहाँ हो रात का सागर है फैला चांद बैठा है अकेला कुमुदिनी से शांत मन को चांदनी करती है मैला। मैं तुम्हें कैसे जताऊं ये व्यथा कैसे ...

×