लेखनी प्रतियोगिता -28-May-2022#प्रतियोगिता'

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एक  राही मैं पथिक नहीं उन राहों का, तूफानों से घबराये। मैं राहगीर उन राहो का, तूफानों से टकरारे। टकराकर फिर बल दुगनाकर, एक कदम फिर और बढ़ाए।  रूकने का कोई ...

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