स्वैच्छिक

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🌹🌹🌹🌹ग़ज़ल 🌹🌹🌹🌹 मिस्ल-ए-चराग़ जलकर किसने ग़ज़ल कही है। हर शेअ़र है मुनव्वर किसने ग़ज़ल कही है। मोती बिखेर डाले लफ़्ज़ों के वर्क़े गुल पर। यह कौन है सुख़नवर किसने ग़ज़ल कही ...

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