आज पानी है

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मुक्तक प्रदूषण ने किया बेहाल, ये घातक कहानी है। यहां पर्यावरण लुटना, हमारी बेईमानी है ।। नदी खामोश बैठी है, मिले चुप साध कर झरने। न शीतल है यहां सुरभी, न ...

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