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जल ही जीवन निर्मल कोमल शीतल थोड़ी सी उच्छृंखल स्नेह बरसाती कलकल कलकल बहती जाती पानी की एक धार, रूप है ऐसा जैसे कोई नार मन उत्साह भरा है, यौवन हीरे ...