लेखनी प्रतियोगिता -30-May-2022 - शब्द

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गर शब्दों के पंख होते, पिंजरे में न ये कैद होते, होती अधरों पर मुस्कान, उन्मुक्त से ये उड़ते जाते। गर शब्द होते मेरे पंख, सनम तुझको रखते संग, धड़कनों में ...

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