1 Part
249 times read
16 Liked
गर शब्दों के पंख होते, पिंजरे में न ये कैद होते, होती अधरों पर मुस्कान, उन्मुक्त से ये उड़ते जाते। गर शब्द होते मेरे पंख, सनम तुझको रखते संग, धड़कनों में ...