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कब तक बहेगी बुजुर्गों की आंखों से अश्रु धार हे प्रभु ! इन्हें फिर से मुस्कुराना सिखा दो स्वार्थ में पढ़कर जो करते रिश्तो से खिलवाड़ हे प्रभु ! उन्हें रिश्तो ...