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“जन्नत-ए-आशियाँ” चलो आशियाँ बनाए ऐसा कंही, जंहा हम हो ओर कोई ग़म ना हो । तेरे हाथ में मेरा हाथ हो, सारी जन्नतें मेरे साथ हो । सुनहरी धूप सी रोशनी ...