जब चुपचाप रहता हूॅं

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जब चुपचाप रहता हूँ, ख़ामुशी बोल पड़ती है, जब से सेहरा में आया हूँ, तिश्नगी बोल पड़ती है। मेरी बातें नहीं सुनते, मुझसे तुम क्यों रूठे रूठे हो, ये गलती जो ...

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