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मुक्तक मन के बिना आंसू के रोते जा रहा हूं। मैं अब उम्मीद खोते जा रहा हूं।। मेरे अरमान उसने मार डाले। मैं केवल लाश ढोते जा रहा हूं।। हुई है ...